14 Dec 2025, Sun

IAS वरुण चौधरी की करतूतों का खुलासा जारी, CM के सख्त एक्शन की जनता कर रही सराहना – दोषियों से ₹56 करोड़ वसूली की उठी मांग”

हरिद्वार।

नगर निगम हरिद्वार के पूर्व नगर आयुक्त वरुण चौधरी द्वारा हरिद्वार नगर निगम के लिए खरीदी गई 33 बीघा जमीन की आड़ में 56 करोड रुपए की बंदर बांट कर नगर निगम की 56 करोड़ की भारी भरकम रकम को ठिकाने लगाया गया है । उसकी पर्ते उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुलवानी शुरू कर दी है ।पुष्कर सिंह धामी कि इस कार्यवाही से जहां आम जनमानस में पुष्कर सिंह धामी की छवि और अधिक स्वच्छ हुई है साथ ही नगर निगम की अध्यक्ष किरण जैसल के प्रयासों को भी नकारा नहीं जा सकता जिसमें उन्होंने वरुण चौधरी व उसकी टीम के विरुद्ध इस खरीद में जांच करने के आदेश देने के साथ ही इस प्रकरण को शासन को अवगत कराने व कोर्ट जाने तक की बात कही थी सबसे पहले यह खबर चिंगारी अखबार में व एक अन्य पत्रकार रामेश्वर गौर द्वारा प्रकाशित की गई थी उसके बाद वरुण चौधरी इस कदर बौखलाए कि उन्होंने इन दोनों ही अखबारों को नोटिस देने खंडन छापने व खण्डन न छापने के बाद F I R तक करने की घोषणा कर दी थी ।

लेकिन जैसे-जैसे इस प्रकरण की आंच राजधानी तक पहुंची तुरंत ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक्शन में आ गए और उन्होंने तत्काल इस प्रकरण की जांच के आदेश दे दिए जांच अधिकारी वरिष्ठ आईएएस अफसर रणवीर चौहान को बनाया गया इस जांच में जांच अधिकारी रणवीर चौहान ने सबसे पहले जिन लोगों से जमीन खरीदी गई थी उन लोगों के खातों के लेनदेन पर प्रतिबंध लगवा दिया इसके बाद इसकी कड़ियां खुलती चली गई यह एक ऐसा प्रकरण है की जो वरुण चौधरी अपने आप को पाक साफ बताते हुए बिल्कुल नियमानुसार जमीन खरीदने के दावे कर रहे थे ।

अब इस जमीन खरीद में वरुण चौधरी ने जो खेल खेला है वह सर्किल रेट की आड़ के साथ ही साथ इस जमीन को कृषि भूमि के स्थान पर आवासीय में दर्ज कराया गया आम आदमी को जमीन कृषि भूमि की 143 यानी आवासीय में दर्ज कराने में पसीने आ जाते हैं और भारी भरकम रिश्वत अलग देनी पड़ती है। लेकिन जमीन आवासीय नहीं हो पाती लेकिन इस जमीन को आनन फ़ानन में काबिल एसडीएम रहे अजय वीर सिंह ने तुरंत 143 करने में देर नहीं लगाई 143 होते ही इस जमीन के रेट 5 गुना हो गए और यही खेल वरुण चौधरी करना चाहते थे बस 56 करोड़ की जमीन खरीद ली गई।

माँ गंगा ने दिया है श्राप

लेकिन आपको बता दें कि यह वरुण चौधरी वह है जिन्होंने राज्य स्थापना दिवस के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जब हर की पैड़ी पर पहुंचकर हर की पैड़ी के इतिहास में जो अपना नाम दर्ज कराया था । वो नाम इसलिए दर्ज कराया

क्योकी उन्होंने हर की पैड़ी ही नहीं हर की पैड़ी के आसपास के कई घाटों पर बहुत ही सुंदर ढंग से कई लाख दीपक रात्रि में जलवाए उनके साथ कुछ प्रशासनिक अधिकारी भी इस दौरान मौजूद थे दीपक प्रज्वलित कर माँ गंगा का आशीर्वाद भी मुख्यमंत्री ने लिया ।लेकिन जिन मिट्टी के दीपक और उसमें लगाई गई हुई की बत्ती व मामूली से तेल की कीमत आम बाजार से ली जाए तो ₹5 पर दीपक से अधिक नहीं बैठेगी लेकिन इन दीपकों में भी गंगा जी के कारज में भाई ने खेल कर दिया । यह वह गंगा जी हैं जो साक्षात कलयुग में देवी हैं और मां गंगा अपने कार्य में भ्रष्टाचार करने वाले को कभी माफ नहीं करती है ।यही भ्रष्टाचार वरुण चौधरी के सामने आ रहा है ।अब वरुण चौधरी किस मुंह से अपने आप को पाक साफऔर ईमानदार बताने के साथ ही दो पत्रकारों को नोटिस देने की बात कहने के साथ ही F I R कराने का साहस किस तरीके से कर पाएंगे कहीं ऐसा ना हो यह । घोटाला खुद वरुण चौधरी के गले की फांस बन जाए। यदि मुख्यमंत्री ने बिल्कुल दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया और इस जांच के लपेटे में एस डी एम व वरुण चौधरी तो आ ही जायेंगे।क्योकि साहब की करतूत खुलकर सामने आई गई है। पांच नगर निगम के अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है प्रथम द्रष्टया इनकी संलिप्तता इस घोटाले में पाई गई है। यह पांचो वरुण चौधरी की किचन कैबिनेट के सदस्य है।वरुण चौधरी ने और भी कई घोटाले किये है जिसकी जांच भी कराई जानी आवश्यक है इन घोटालों को भी शीघ्र ही खोल दिया जाएगा। इन घोटालों में भी करोड़ों रुपए का खेल वरुण चौधरी ने किया है अब देखना यह है कि वरुण चौधरी और एसडीएम अजय वीर सिंह के ऊपर कब तक कार्रवाई होती है ।अभी जांच अधिकारी रणवीर चौहान आईएएस अधिकारी हरिद्वार नगर निगम जांच के लिए पहुंचे नहीं है उनके पहुंचने से पहले ही इतने बड़े एक्शन में राज्य सरकार आ गई है राज्य की जनता व हरिद्वार की जनता मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ,मेयर किरण जैसल , पत्रकार नरेश गुप्ता व पत्रकार रामेश्वर गॉड को साधुवाद दे रही है जिन्होंने इस प्रकरण को उजागर किया है ।और खासकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जिन्होंने इस प्रकरण को देखते हुए गंभीर और ठोस कदम उठाएं लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री को इस तरीके के और भी कदम उठाते रहने चाहिए जिससे मुख्यमंत्री की छवि में और अधिक सुधार आएगा और राज्य से उन्हें काफी लंबे समय तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहने का मौका अवश्य मिलेगा।मुख्यमंत्री से जनता की मांग है की इस भूमि खरीद के दोषियों से 56 करोड़ की धनराशी भी वशूली जाय।

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